भारत की कारोबारी दुनिया में कई प्रभावशाली नाम हैं, लेकिन जब बात नेतृत्व, दूरदृष्टि और नवाचार की आती है, तो रोशनी नादर मल्होत्रा का नाम सबसे ऊपर आता है। वह न केवल एचसीएल टेक्नोलॉजीज़ की चेयरपर्सन हैं, बल्कि भारत की पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने पिता से विरासत में मिली कंपनी को और ऊंचाइयों तक पहुँचाया।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
रोशनी नाडर का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। उनके पिता शिव नादर, एचसीएल के संस्थापक हैं, जिन्होंने भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विद्या ज्ञान स्कूल से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, अमेरिका चली गईं, जहां उन्होंने कम्युनिकेशन में स्नातक किया। इसके बाद, उन्होंने केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री ली।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज़ की कमान संभालना
रोशनी नाडर ने शुरुआत में मीडिया इंडस्ट्री में काम किया, लेकिन जल्द ही अपने पिता के विजन को आगे बढ़ाने के लिए एचसीएल टेक्नोलॉजीज़ से जुड़ गईं। 2013 में, उन्हें कंपनी का एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीईओ बनाया गया और 2020 में वह एचसीएल की चेयरपर्सन बनीं। उनके नेतृत्व में कंपनी ने न केवल वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत की, बल्कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई बड़े अधिग्रहण भी किए।
एक समाजसेवी भी
रोशनी नाडर सिर्फ एक सफल बिजनेस लीडर ही नहीं, बल्कि एक समर्पित समाजसेवी भी हैं। उन्होंने शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई सराहनीय पहल की हैं। उनके प्रयासों से ग्रामीण भारत में कई छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
सम्मान और उपलब्धियाँ
उनकी मेहनत और दूरदृष्टि के कारण उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है:
✅ फोर्ब्स की दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में स्थान
✅ फोर्ब्स इंडिया की टॉप 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची में शामिल
✅ हुरुन इंडिया की टॉप बिजनेस लीडर्स लिस्ट में नाम दर्ज
प्रेरणा की मिसाल
रोशनी नाडर उन महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो नेतृत्व की ऊँचाइयों को छूना चाहती हैं। उनका मानना है कि “सफलता केवल एक मंजिल नहीं, बल्कि निरंतर प्रयास और नई चुनौतियों को अपनाने की प्रक्रिया है।”
निष्कर्ष
चाहे बात बिजनेस की हो, समाजसेवा की हो या टेक्नोलॉजी इनोवेशन की—रोशनी नादर ने हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वह भारत के भविष्य की उन महिलाओं में से हैं, जो देश को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का माद्दा रखती हैं।