Friday, April 11, 2025
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कम्फर्ट ज़ोन तोड़कर बनाई नई राह: ग्राफिक डिज़ाइनर से ऑटो ड्राइवर बने कमलेश कमठेकर की प्रेरणादायक कहानी

हम अक्सर कहते हैं “काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता!” लेकिन अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर कोई दूसरा काम अपनाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। ऐसे में मुंबई के कमलेश कमठेकर ने अपनी जिद और हिम्मत से यह साबित कर दिया कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता से बढ़कर कुछ भी नहीं होता।

कमलेश पहले एक ग्राफिक डिज़ाइनर की नौकरी करते थे, लेकिन 5 महीने पहले नौकरी छूट गई। इसके बाद उन्होंने नई नौकरी की तलाश में खूब कोशिश की, कई जगह संपर्क किया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने हार मानने के बजाय एक नया रास्ता चुना।

ऑटो चलाने का लिया फैसला

निराशा के बजाय कमलेश ने खुद को नई दिशा दी और ऑटो चलाने का फैसला किया। वह इस बात की चिंता नहीं कर रहे थे कि लोग क्या कहेंगे, दोस्त क्या सोचेंगे। उन्होंने बस यही सोचा कि खुद के पैरों पर खड़े रहना जरूरी है।

सोशल मीडिया पर शेयर की अपनी कहानी

कमलेश ने अपने फैसले को छुपाने के बजाय बड़े गर्व से सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने बताया कि वह अब ऑटो ड्राइवर हैं और इस पेशे को भी उतने ही आत्मसम्मान के साथ कर रहे हैं जितना कि अपनी पुरानी नौकरी को करते थे। उनकी यह ईमानदारी और हिम्मत इंटरनेट पर लोगों को खूब प्रेरित कर रही है।

लोगों ने की तारीफ

कमलेश की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और हजारों लोगों ने उनकी हिम्मत की तारीफ की। लोगों ने कहा कि काम कोई भी छोटा-बड़ा नहीं होता, असली बात यह है कि हम आत्मनिर्भर बनें और मेहनत से आगे बढ़ें।

आप क्या सोचते हैं?

कमलेश की यह कहानी हमें सिखाती है कि मुश्किल हालात में घबराने के बजाय हमें नए मौके तलाशने चाहिए। उन्होंने साबित कर दिया कि काम से नहीं, बल्कि सोच से इंसान बड़ा बनता है।

क्या आप भी कमलेश की इस सोच से प्रेरित हुए? हमें कमेंट में जरूर बताएं! 🚀💪

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